बीमारियों से बचने के लिए शरीर को कैसे करें डिटॉक्स


 

जब शरीर में टॉक्सिंस जम जाते हैं, तो ये हमारे शरीर के अंदरुनी परत को नुकसान पहुँचा सकते हैं, और वे वहीं चिपके रहते हैं। बाद में ये रक्त में मिल जाते हैं जिससे हमें अलग-अलग बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यदि आप सिर्फ टॉक्सिंस को दूर कर देते हैं और शरीर से इन विषैले पदार्थों को निकाल देते हैं, तो इससे आपके पूरे शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी का पैदा होने का संभावना नहीं रहती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि शारीरिक की सफाई कैसे कर सकते हैं, इसकी पूरी प्रक्रिया से अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कैसे कर सकते है और स्वस्थ और खुशहाल जीवन कैसे जी सकते है। 


इस तरह हमारे शरीर में जमा होने लगते है टॉक्सिन्स 

टॉक्सिन्स को दूर करने के लिए, सबसे पहला कदम है अपने बड़े आंत को साफ और स्वस्थ रखना। यहां पर हमारे खाये गए भोजन का पाचन होता है, और सबसे ज्यादा पाचन होने वाला भोजन इस इंटरनल परत पर जमा हो जाता है। हम अक्सर इस गलतफहमी में रहते हैं कि आज का खाया हुआ भोजन कल स्वच्छ हो जाता है, लेकिन यह ऐसा नहीं होता। कई अपच होने वाले भोजन अणु इस परत पर जम जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, हमें गैस, पाचन समस्याएँ और एसिडिटी जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


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दिनचर्या में शामिल करे सलाद

इस तरह की अंदरूनी सफाई प्रक्रिया को आपकी दिनचर्या में शामिल करने के लिए सबसे पहले, खाना खाने से 15 मिनट पहले सलाद खाए। सलाद की मदद से आप अपने आंतरिक परतों को स्वच्छ रख सकते है। यह तरीका आपके शरीर के अंदर के टॉक्सिन्स को साफ  करता है और खाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है। इसके साथ ही यह आपकी पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे खाना को बिना परेशानी के आसानी से पचाया जा सकता है। साथ ही आप अपने पेट को स्वस्थ रखने के लिए ज्यादा खाने से बच सकते हैं और आपको अधिक विटामिन और मिनरल्स मिल सकते हैं। 


कीवी खाने से आपको मिलेंगे विटामिन और मिनरल्स 

कीवी खाना भी फायदेमंद हो सकता है। कीवी आपको विटामिन और मिनरल्स देता है, साथ ही यह आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, आपके हृदय के लिए भी फायदेमंद हो सकता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह एंटी कैंसर गुणों के साथ आता है और आपके बालों के लिए भी फायदेमंद होता है।


अजवाइन के पानी से शरीर से मेटल टॉक्सिसिटी को निकालें

इसके लिए, आपको कीवी को अच्छी तरह से चबाना होगा, ताकि वह मुंह में पेस्ट बन जाए, और फिर आप इसे खा सकें। अगले दिन, आपको कम से कम एक बार अजवाइन का पानी पी लें। इसके लिए, दो चम्मच भुने हुए अजवाइन को एक कप पानी में डालकर रातभर के लिए भिगोकर छोड़ दें। अगले दिन, इस पानी को उबालकर ठंडा होने दें और फिर इसे पी लें। आपको कोशिश करनी चाहिए कि इसे खाने के लगभग 1 घंटे बाद करें, अगर आप दोपहर के खाने के बाद कर सकते हैं तो यह बेहतर होगा। 


यह अजवाइन हमारे शरीर से जहरीले धातुओं को निकालने में मदद करता है और इनमें जमे टॉक्सिन्स को हटा देता है। अजवाइन के पानी का सेवन करने से आपके शरीर से मेटल टॉक्सिसिटी को निकाल देता है और अल्युमिनियम जैसे मेटल्स को भी बाहर निकालने में मदद करता है। अजवाइन के और भी कई फायदे हैं, जैसे कि यह हमारे पाचन को सुधार सकता है, गैस को कम कर सकता है और पेट के दर्द को कम करने में सहायक होता है।


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आंतों का प्रबंधन करें और स्वस्थ रखें

हमारे किचन में कई अल्यूमिनियम के बर्तन होते हैं, लेकिन हमें ध्यान देना चाहिए कि हम इसे सावधानी से उपयोग करें। पहले तो, हमें जितना संभव हो सके अल्यूमिनियम के उपकरणों का उपयोग कम करने का प्रयास करना चाहिए, और यदि हमें किसी चीज में अल्यूमिनियम दिखाई देता है या मिलता है, तो हमें उससे दूर रहने का प्रयास करना चाहिए। हमें यह समझना है कि अल्यूमिनियम हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है और टॉक्सिसिटी क्रिएट कर सकता है, इसलिए हमें अपने शरीर को इससे बचाने का प्रयास करना चाहिए।


त्रिफला से बनाएं स्वस्थ पाचन उपाय

त्रिफला, जो एक अद्वितीय तरह का पाचन उपाय है। त्रिफला एक प्राकृतिक औषधि है जो हमारे पाचन सिस्टम को स्वस्थ बना सकती है और टॉक्सिनों को बाहर निकालने में मदद कर सकती है। इसे आयुर्वेद में 'सुपर फूडÓ भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें विटामिन सी, विभिन्न मिनरल्स, और अमीनो एसिड्स होते हैं। त्रिफला में एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं और इसमें हरिड़ा (हरितकी) भी शामिल होता है, जिसे आयुर्वेद में 'मेडिसिन का राजाÓ कहा जाता है। हरिड़ा एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है जिससे यह टॉक्सिनों को शरीर से बाहर निकाल सकता है।


त्रिफला केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यह टॉक्सिन्सिटी को हटाने के साथ-साथ, पेस्टिसाइड टॉक्सिन्सिटी को भी कम कर सकता है, जो आजकल बढ़ती हुई समस्या है। इसके अलावा, अल्कोहल के सेवन से उत्पन्न होने वाली टॉक्सिन्सिटी को भी कम करने में मदद कर सकता है। त्रिफला डिप्रेशन और स्ट्रेस को भी कम करने में सहायक हो सकता है, क्योंकि यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य के रासायनिक प्रदान को बढ़ावा देता है, जैसे कि सेरोटोनिन।


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त्रिफला का सेवन करने का तरीका यह है

रात को गरम पानी के साथ एक छोटी सी चम्मच या आधा चम्मच त्रिफला लें, ताकि इसके गुण रातभर आपके शरीर पर काम कर सकें और आपकी आंतों को साफ कर सकें। सुबह जब आप मल त्याग करेंगे, तो आप देखेंगे कि आपके शरीर से टॉक्सिनों का बहुत सारा हिस्सा बाहर निकल चुका है। आप इसे माह में 5 से 6 दिन के लिए कर सकते हैं, और यदि आप प्रेग्नेंट हैं या किसी खास बीमारी का इलाज कर रहे हैं, तो कृपया इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।


जानिए कैसे रखें अपने पेट को स्वस्थ और साफ

मानव शरीर के स्टमक को स्वस्थ रखना और आच्छादित कार्य करना स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्टमक, जिसे पाचन तंतु के रूप में भी जाना जाता है, हमारे शरीर से पोषण तत्वों को अच्छे से पचाने और पाचन करने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसके बिना, आपका शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और आपका पाचन सिस्टम कमजोर हो सकता है। हाइड्रोपेरिस्टाल्सिस, जिसे पेट में डाइजेस्ट करने की प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है, स्टमक को प्रोत्साहित करता है और भोजन को अच्छे से पचाने में मदद करता है। इसके परिणामस्वरूप, आपका आहार आसानी से पाच जाता है।


अपने पेट को स्वस्थ रखने के लिए, रात को सोने से पहले आपको दो चम्मच गरम पानी पीना चाहिए। इस तरीके को तीन दिन तक अपनाने से आपका पेट साफ हो सकता है, और आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकता है। साथ ही आपको खाने में डेयरी प्रोडक्ट्स की कम कर देना चाहिए। जैसे कि दूध, मक्खन, और चीज जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स को खाने से आपके लीवर को प्रभावित हो सकता है, और पाचन में कठिनाइयाँ पैदा कर सकती हैं।


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डेयरी प्रोडक्ट्स को छोड़ने से पहले जानें

डेयरी प्रोडक्ट्स खाना छोडऩे से कुछ लोगों के हृदय रोग को कम करने में मदद मिल सकती है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है, जिससे हृदय अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। इसलिए, यदि आपको लगता है कि आपके लिए डेयरी प्रोडक्ट्स को छोडऩे का समय आ गया है, तो आप कम से कम हफ्ते में एक या दो बार डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करना कम करके डिटॉक्स करने का प्रयास कर सकते हैं। 


आपको लगता है कि आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं हो रहा है, तो याद रखें कि रात के समय, हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग लीवर टॉक्सिन्स को हटाने और आहार को पचाने में लगा होता है। इसका मतलब है कि डाइजेशन की प्रक्रिया के दौरान शरीर से हानिकारक प्रदूषण और विषैले पदार्थ निकाले जा रहे हैं। कई बार, डाइजेशन प्रक्रिया में कुछ चीजें बच जाती हैं, जिन्हें हम प्राइजोनस कहते हैं और इन्हें शरीर से बाहर निकालने में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए हम डिटॉक्स की आवश्यकता महसूस होती हैं।


डिटॉक्सिकेशन के लिए त्वचा की सफाई जरूरी

डिटॉक्सिकेशन के एक और पहलू को अक्सर अनदेखा छोड़ दिया जाता है, और यह विषय बहुत ही कम चर्चा का विषय होता है। आजकल, इसके बारे में बहुत कम लोगों को जागरूकता होती है, और कोई नहीं बताता है कि यदि आप वास्तव में डिटॉक्स करना चाहते हैं, तो आपको अपनी त्वचा की देखभाल करनी चाहिए। त्वचा को स्क्रब करने से आपकी त्वचा से मरी हुई कोशिकाएँ और टॉक्सिन्स को हटाने में मदद मिलती हैं। सामान्य शब्दों में हमारी त्वचा की सेल्स आमतौर पर 28 दिनों में ऊपरी त्वचा से नीचे की ओर बदल जाती हैं, इसके बाद त्वचा स्वच्छ और स्वस्थ दिखती है। इस प्रक्रिया को 'त्वचा सेल टर्नओवरÓ कहा जाता है।


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घरेलू उपाय से करें डिटॉक्सिफिेकेशन

रोजाना नहाने के बाद साबुन से त्वचा को साफ करना तो हर कोई करता है, लेकिन अगर आप त्वचा को स्क्रब करते हैं, तो आप त्वचा को वास्तव में साफ कर रहे हैं। इसलिए, अगर आप अपने शरीर को डिटॉक्स करना चाहते हैं, तो त्वचा की सफाई करना भी जरूरी है। हमारे बड़े-बुजुर्ग के दौर में वे बहुत स्वस्थ रहते थे। उन्होंने एक डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया का अनुसरण किया था जो आजकल बहुत कम लोग करते हैं। जैसे कि हमारे बड़े-बुजुर्ग लोग नारियल की ऊपरी, तोराई के सूखे हुए भाग से त्वचा को स्क्रब किया करते थे। जिससे उनकी त्वचा स्वच्छ और निखरी रहती थी। 


दूसरा तरीका सरसों के तेल या मुल्तानी मिट्टी का उपयोग भी किया करते थे। आजकल बाजार में विभिन्न तरह के उत्पाद उपलब्ध हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोगों को नहाने के बाद भी त्वचा समस्याएं होती रहती हैं। इसलिए आप अब भी इसी तरीके से अपनी त्वचा को साफ और स्वस्थ बना सकते हैं।


नहाने से पहले एक टॉवल को अच्छे से अपनी बॉडी पर मलिश करना भी एक आसान तरीका है। इससे त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद मिलती है। एक हफ्ते में कम से कम एक बार यह करने से आपकी त्वचा को बेहतर लाभ होगा। साथ ही, सही आहार से भी आपके शरीर की अंदरूनी सफाई में मदद मिलती है।


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