आप सभी ने शिलाजीत का नाम जरूर सुना होगा, आपने शिलाजीत के कई फायदों के बारे में भी सुना होगा। तो चलिए जानते है आखिर शिलाजीत है क्या और इसके क्या फायदे है? आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपकों बताएंगे कि यह कैसे आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।
शिलाजीत एक प्राकृतिक खनिज है जिसमें औषधीय गुणों से भरपूर होता है। भारत में सदियों से शिलाजीत का उपयोग किया जा रहा है। ये हिमालय के पहाड़ों से मिलता है। शिलाजीत युवा व बुजुर्गों के लिए असरदार होता है और इसे डाइट में शामिल करने से कई फायदे मिलते हैं। लेकिन, कुछ लोग इसे केवल सेक्सुअल डिजायर से जोड़कर देखते हैं। हां ये सेक्सुअल डिजायर को तो बढ़ाता ही है साथ ही सेहत के लिए कई अन्य अंगों को भी फायदा पहुंचाता हैै।
शिलाजीत इन रोगों से प्रोटेक्ट करती है
शिलाजीत के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। शिलाजीत यौन स्वास्थ्य को दूर करने के साथ ही मानसिक समस्या, तनाव, थकान, सर्दी, जुकाम, खांसी, त्वचा में निखार, स्टैमिना को बूस्ट करने, आंखों की देखने की क्षमता बढ़ाने, डायबिटीज, खून की कमी, जोड़ों को आराम, अस्थमा, हड्डियों को मजबूती, टेस्टोस्टेरोन बूस्ट, कोलेस्ट्रॉल, स्पर्म काउंट, मेटाबॉलिज्म बूस्ट, पाचन शक्ति, फैट लॉस और दिल से जुड़ी समस्या जैसे कई प्रकार के रोगों से निजात दिलाती है।
शिलाजीत के लाभ
मेटाबॉलिज्म को करता है बूस्ट
शिलाजीत हमारे शरीर के कैलोरी को तेजी से खत्म करती है। जब कैलोरी तेजी से बर्न होती है तब एनर्जी लेबल काफी हाई हो जाता है और हमारा मेटाबॉलिज्म में सुधार होने लगता है।
कमजोरी को दूर करता है
शिलाजीत शारीरिक क्षमता और कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। जिससे दिनचर्या की क्रियाकलाप के लिए बॉडी हमेशा ऊर्जावान रहता है।
मोटापा कंट्रोल करने में सहायक
शिलाजीत शरीर में जमा एक्ट्रा चर्बी को बर्न करता है। इसकी वजह से आप जब भोजन करते है तब एनर्जी में कनवर्ट होने लगती है। साथ ही शिलाजीत वजन कंट्रोल करने में भी सहायक होती है।
टेस्टोस्टेरोन लेबल और फर्टिलिटी बढ़ाता है
जो पुरुष शिलाजीत का सेवन करते हैं उसका टेस्टोस्टेरोन स्तर और निष्क्रिय शुक्रणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाता है। जिससे आपका स्पर्म काउंट ग्रो होता है। एक अध्ययन के अनुसार अधेड़ व्यक्ति के पुरूषों 40 से 55 वर्ष को लगातार 90 दिनों तक शिलाजीत देने के बाद उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर काफी बढ़ गया था।
हेल्दी हार्ट के लिए शिलाजीत का उपयोग
शिलाजीत में कई पोषक तत्व पाये जाते है। जो ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद करते हैं। ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहेगा तो बीमारियों का खतरा भी कम होगा। शिलाजीत में एंटीऑक्सीडेंट, फुलविक एसिड, आयरन और ग्लूटाथिओन पाया जाता है। जब कोई व्यक्ति शिलाजीत का सेवन करता है तब शरीर में ग्लूटाथिओन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे हार्ट से जुड़ी कई प्रकार की बीमारियों का खतरा कम होने लगता है।
कोलेस्ट्रॉल लेबल कम करता है शिलाजीत
शिलाजीत शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करने में सहायता करता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक रहने से हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।
जोड़ों के दर्द में लाभकारी
शिलाजीत में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण जोड़ों में होने वाले दर्द से रिलिफ दिलाता है। जोड़ों का दर्द अक्सर गठिया के कारण होता है और इस स्थिति में दर्द होने के साथ-साथ सूजन भी आती है इसलिए गाठिया रोगी को किसी आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह से शिलाजीत का सेवन करना चाहिए।
स्पर्म की कमी को पूरी करता है
जिन पुरुषों में स्पर्म काउंट की कमी है या फिर स्पर्म की मात्रा कम हो गई है उस स्थिति में फर्टिलिटी क्षमता को शिलाजीत बूस्ट करती है जिससे बांझपन की समस्या भी कम होती है।
एलर्जी-अस्थमा के मरीजों के लिए लाभदायक
आज जिस परिवेस में लोग जीवन-यापन कर रहे उससे एलर्जी और अस्थमा के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन, शिलाजीत का सेवन करने से अस्थमा और एलर्जी को कंट्रोल किया जा सकता है।
हड्डियों को बनाती है स्ट्रांग
जो व्यक्ति शारीरिक रूप से खुद को कमजोर महसूस करते हैं उन्हें शिलाजीत से काफी फायदा पहुंच सकता है। क्योंकि शिलाजीत हड्डियां और मसल्स को स्ट्रांग बनाने में सहायता करती है। रोजाना काम से आप जल्दी थक जाते हैं या काम नहीं कर पाते है तो हड्डियों को मजबूत करने के लिए आपको शिलाजीत का सेवन करना चाहिए।
बढ़े ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोल
बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए शिलाजीत को बेहतर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। शिलाजीत के औषधीय गुणों में से एक इसका एंटीहाइपरटेंसिव होने के कारण बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है।
अल्जाइमर में लाभकारी
अल्जाइमर अधिकतर बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करती है। लेकिन, शिलाजीत में मौजूद फुल्विक एसिड याददाश्त को बढ़ाता है साथ ही शिलाजीत में एंटीअल्जाइमर गुण पाया जाता है जिससे अल्जाइमर की समस्या से बचा सकता है।
एनीमिया में मददगार
जो लोग एनीमिया की समस्या से जूझ रहे है उनके लिए शिलाजीत वरदान है। एशियन पेसेफिक जर्नल ऑफ टोपिकल बायोमेडिसिन ने चूहों पर शोध में पाया कि शिलाजीत में पर्याप्त मात्रा में आयरन मौजूद होता है जो कि एनीमिया की समस्या से राहत दिलाने में मददगार साबित होती है।
मानसिक और शारीरिक थकान के लिए लाभकारी
शिलाजीत के मानसिक और शारीरिक थकान में काफी फायदेमंद है। शिलाजीत कई मिनरल्स के साथ हुमिक एसिड और फुलविक मौजूद होते हैं, जो थकान की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
मूत्र रोगों में भी उपयोगी
मूत्र संबंधी विकारों से निजात पाने के लिए भी शिलाजीत का उपयोग लाभकारी माना जाता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेदा रिसर्च के एक शोध के जरिए इसकी पुष्टि की है। शिलाजीत में इम्यूनोस्ट्यूमुलेंट (प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला) गुण पाया जाता है। इस गुण के कारण ही यह मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।
माइंड पॉवर को बढ़ाता है
शिलाजीत में फुल्विक एसिड पाया जाता है जो कि याददाश्त बढ़ाता है। साथ ही याद रखने की क्षमता को बढ़ाकर यह दिमागी शक्ति बूस्ट करता है।
सबसे बड़ी बात... बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करता है
एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध शोध में बताया गया है कि शिलाजीत में एंटीएजिंग (बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करना) और रेज्यूवेनेटिंग (तरोताजा करने वाला) गुण पाया जाता है। इनके इस गुणों के कारण शरीर को नई ऊर्जा मिलती है और बढ़ती हुई उम्र के शरीर पर दिखने वाले प्रभावों को दूर करती है।
यह लोग ना लें शिलाजीत
अगर आपको कोई दिल या खून से जुड़ी बीमारी है तो शिलाजीत ना लें। बीमार व्यक्ति शिलाजीत का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। अगर शिलाजीत के सेवन से खुजली, बेचैनी या किसी अन्य प्रकार के साइड इफेक्ट देखने को मिलते है तो इसका सेवन ना करें।
कब खाएं: शिलाजीत का सेवन रात को सोने से पहले और व्यायाम करने से पहले लिया जा सकता है। इसका सेवन बहुत कम मात्रा में किया जाता है।
कितनी मात्रा में खाएं: प्रतिदिन शिलाजीत की 300-500 मिलीग्राम मात्रा का उपयोग किया जा सकता है। शिलाजीत की यह मात्रा प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक क्षमता के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है। दोस्तों वैसे तो शिलाजीत का सेवन करने से पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
शिलाजीत कितने दिन में काम करता है?
अगर आप सेहत बनाने के लिए शिलाजीत ले रहे है 60 दिन तक उपयोग कर सकते है। अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ाने के लिए शिलाजीत ले रहे है तो आपको 16 से 20 दिन तक उपयोग करना चाहिए। नपुंसकता या ताकत बढ़ाने के लिए ले रहे है तो 75 दिन तक शिलाजीत लिया जाता है।
शिलाजीत के साथ क्या नहीं खाना चाहिए?
खट्टे फल: शिलाजीत को कभी भी खट्टे फलों के साथ नहीं खानी चाहिए। शिलाजीत और खट्टे फलों को साथ खाने से शरीर में अम्लता बढ़ जाती है जिससे हाजमा संबंधी समस्या हो सकती हैं।
मीट या मछली: अगर आप शिलाजीत और दूध के साथ ले रहे तो मीट खाने से परहेज करें नहीं तो इससे अपच और त्वचा रोग हो सकते हैं।
गर्म पानी: शिलाजीत की प्रकृति ही गर्म है, जिसके कारण इसे गर्म पानी में नहीं लिया जाता। गर्म पानी में सेवन करने से टॉक्सिंस का निर्माण हो सकता है।
मूली: जब आप शिलाजीत ले रहे हो तो मूली के सेवन से बचें। मूली, शिलाजीत और दूध को एक साथ खाने से पाचन संबंधी समस्या आती हैं।
शिलाजीत के नुकसान क्या हैं?
शिलाजीत को कच्चे फार्म रुप से ना लें। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, कच्चे शिलाजीत में भारी मेटल आयरन, फंगस, फ्री रैडिकल और संदूषण हो सकते हैं। बिलकुल प्रोसेस्ड शिलाजीत ही स्वास्थ लाभ के उपयुक्त होता है। इसके साथ ही कुछ दुष्प्रभाव और भी है, जैसे कि...
- बॉडी में यूरिक एसिड बढ़ सकता है
- शिलाजीत आयरन लेबल को बढ़ा सकता है
- शरीर में हेमोक्रोमैटोसिस जैसी गंभीर परेशानियां खड़ी कर सकती है
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा बच्चों को शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए
नोट: इस ऑर्टिकल में सुझाव और सलाह सिर्फ सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। कृपया आप पेशेवर चिकित्सा से सलाह के बाद ही शिलाजीत का सेवन करें। कोई भी सवाल या परेशानी होने पर हमेशा डॉक्टर से सलाह जरूर लें।