कहीं तनाव आपको मानसिक रूप से बीमार न कर दे, जानिये कैसे रखें दिमाग को हेल्दी


 

जब व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ होता है, तो उसका हर काम काफी अच्छे से होता है। लेकिन, मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ) ठीक न हो तो व्यक्ति सोचने, समझने, महसूस करने और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है।  मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर व्यक्ति दिनभर चिड़चिड़ा महसूस कर सकता है। मानसिक स्वास्थ्य का व्यक्ति की दिनचर्या पर काफी असर पड़ता है। दुनियाभर में मानसिक विकार या अवसाद से ग्रसित व्यक्तियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में मानसिक समस्याओं से बचाव करना जरूरी है और इसके लिए सबसे पहले यह समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य क्या है और कौन-कौन से कारक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

मानसिक रोगों के विभिन्न प्रकारों के तहत अल्जाइमर रोग, चिंता, डिप्रेशन, डिमेंशिया, नशे की लत, डिस्लेक्सिया, कमजोर याददाश्त, ऑटिज्म, भूलने की बीमारी और भ्रम आदि बदलाव आते है। जब व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ न हो तो उनके भावनाओं, विचारों और व्यवहार आदि में बदलाव आता है। व्यक्ति उदास रहने लगता है, ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है, दोस्तों और अन्य गतिविधियों से अलग रहता है, थकान और नींद की समस्या आती है। 


...और इस तरह मानसिक रोगी का शिकार हो रहे है

आजकल की भागमभाग भरी जिंदगी और तनाव मानसिक स्वास्थ्य पर गलत असर डाल रहा है। कई लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी को डील कर लेते हैं और उनके मानसिक स्वास्थ पर कोई खास असर नहीं होता है। कुछ लोगों को मेंटल प्रॉब्लम हो जाती हैं और धीरे-धीरे यह समस्या बीमारी का रूप ले लेती है। इसके अलावा दैनिक जैविक में बदलाव, अनुवांशिक कारण, पर्यावरण और जहरीले रसायन युक्त खाद्य प्रदार्थ का सेवन भी मानसिक रोग का कारण बनता है।


मानसिक रोग का लिए ये भी है जिम्मेदार

मानसिक कमजोरी के कई कारण से हो सकते है जैसेकि भय, अपमान, ऑफिस के कठोर नियम, आत्मविश्वास की कमी, ईर्ष्या, कोई नुकसान, प्यार का अभाव या फिर परिवार में किसी की मृत्यु आदि। मानसिक कमजोरी ही अवसाद या डिप्रेशन का पहला कारण होता है।


मानसिक बीमारी के लक्षण

मानसिक बीमारियां कई तरह की होती हैं, इनके लक्षण भी बीमारी के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनसे ये समझा जा सकता है कि किस प्रकार की मानसिक बीमारी से पीड़ित हो गया है। जैसे कि मन से बेचैन होना या ध्यान केंद्रित न कर पाना, हर समय उदासी महसूस करना, भय और चिंता का होना, मानसिक स्थिति में बहुत बदलाव होना, अपराध की भावनाएं महसूस करना, शरीर में थकान और ऊर्जा में कमी, समाज-परिवार और दोस्तों से दूरी बनाकर रखना। 


मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक

मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने में कई कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन कारकों में समाज और परिवार की भी अहम भूमिका होती है। व्यक्ति के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कई कारण होते हैं जिनमें से प्रमुख कारण हैं। जैसे कि गर्भावस्था संबंधित पहलू, आनुवंशिकता, मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन, पारिवारिक विवाद, मनोवैज्ञानिक कारण मानसिक आघात और सामाजिक कारण।


हमारी सोच और समझ को कर ही प्रभावित

मानसिक स्वास्थ्य हमारे सोचने, समझने, महसूस करने तथा कार्य करने की क्षमता में बाधा डालती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अपनी स्वास्थ्य की परिभाषा में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी शामिल करता है।


सिजोफ्रेनिया सबसे गंभीर मानसिक बीमारी

सिजोफ्रेनिया मानसिक रोगों में सबसे ज्यादा खतरनाक समस्या के रूप में पाया गया है। दुनियाभर में करीब 1% आबादी सिजोफ्रेनिया के शिकार है वहीं अगर बात भारत की करे तो इस बीमारी के पीड़ितों की संख्या करीब 40 लाख के आसपास है। सिजोफ्रेनिया का मरीज जिंदगी से निराश हो जाता है और कई बार आत्महत्या का प्रयास भी करता रहता है। 


मानसिक रोगियों इलाज

सामान्य मानसिक बीमारियों जैसे डिप्रेशन, एंग्जायटी डिसऑर्डर, स्ट्रेस आदि मामलों में 6 महीने से लेकर 2 साल तक दवाएं चलती हैं। फिर डॉक्टर के अनुशासन के अनुसार आगे का इलाज किया जाता है।


मानसिक रूप से ठीक कैसे रहे

अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए सामाजिक रूप से गतिविधियों में शामिल होते रहे, नियमित व्यायाम करें, लक्ष्य तय करें, खेलना, नियमित स्वास्थ्य चेकअप, अपने दोस्तों या परिवार के साथ समय बिताएं, अच्छी पुस्तक पढ़ें, सेहतमंद आहार लें, अच्छी नींद लें, नशीले पदार्थों से जैसे शराब, तंबाकू के सेवन से बचें, दूसरों के साथ जुड़ें, स्वस्थ जीवन जिएं, नेगेटिव सोच को पॉजिटिव सोच करे, नई चीजों के बारे में जाने, नए लोगों से मिले, मन को शांत करें और खुद के बारे में सोचें, कुछ नया सीखे और करें, अपने आदर्श के मानसिकता को सीखें, दूसरों की सोच को जाने, जीवन में शांत रहने के लिए ध्यान और योग को करें। यह आपको मानसिक रूप से शांत प्रदान करता है जिससे जिंदगी में एकाग्रता बना रहता है। 


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