कैंसर क्या है? पूरी जानकारी...

 


कैंसर का नाम सुनते ही दिल और दिमाग में डर का माहौल बन जाता है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी उम्र में हो सकती है। दुनियाभर में मौत के लिए अब दूसरा सबसे प्रमुख कारण कैंसर ही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में प्रतिवर्ष 10 मिलियन लोगों में कैंसर के नए मामले उजागर हुए हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुमान के तहत भारत में प्रति दस व्यक्तियों में से कम से कम एक व्यक्ति को कैंसर अपनी चपेट में लेने की संभावना होती ही है और कैंसर के चपेट में आए 15 लोगों में से कम से कम एक की मौत का कारण कैंसर ही होता है। 

कुछ लोगों का मानना है कि जिसे कैंसर हुआ है उसकी मौत लगभग तय है। कैंसर से मौत होती है ये सभी जानते हैं लेकिन, कुछ केसेस में कैंसर का इलाज संभव भी है, हालांकि, वही लोग कैंसर से मरते हैं जो इलाज करवाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि कैंसर के इलाज काफी महंगे हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में कैंसर को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े उजागर किए गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में वर्ष 2020 में 14057, वर्ष 2021 में 14494 और 2022 में 14917 लोगों की इस भयावह बीमारी से मौत हो गई। 


कैंसर क्यों होते है?

पहला कारण:

एक सामान्य व्यक्ति को प्रदूषित हवा के कारण कैंसर हो सकता है। क्योंकि लागातार देखा जा रहा है बड़ों शहरों में वायुमंडल में प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण लोगों में कैंसर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। देखा गया है कि जो लोग धूम्रपान, शराब का सेवन नहीं करते है वे लोग भी कैंसर की चपेट में आ जाते है। 

दूसरा कारण:

वैसे तो कैंसर के प्रमुख कारणों में से तंबाकू, सिगरेट, शराब, गुटखा, एक्सरे, चुईंगम, मांस, अनहेल्दी फूड, तला-भूना खाना, बार-बार घाव होना, कम उम्र में यौन संबंध बनाना का भी बीमारी को बढ़ावा देती है।

तीसरा कारण: 

कैंसर के लिए हमारा जीन भी जिम्मेदार होता है, अगर परिवार में किए एक भी व्यक्ति को कैंसर है तो संभावनाएं और भी बढ़ सकती है। 


कितने प्रकार के होने है कैंसर?

विशेषज्ञों के अनुसार सैकड़ो प्रकार के कैंसर का पता लगाया गया है। जिनमें से मुख्य रूप से गले का कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्लड कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्लैडर कैंसर, लंग कैंसर, बोन कैंसर होते हैं। 


कितने स्टेज की होती है कैंसर?

कैंसर अगर शुरुआती स्टेज में पता चल जाए तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। स्टेज-0, स्टेज-1, स्टेज-2, स्टेज-3 और स्टेज-4 ये 5 स्टेज होते है कैंसर के। 


कैंसर होने का पता कैसे चलता है?

कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए तो खतरनाक स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सकता है। अगर किसी भी व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

  • थकावट होना
  • वजन में बदलाव होना
  • अचानक वजन घटना या बढऩा
  • निगलने में दिक्कत होना
  • त्वचा के बाहर से शरीर में गांठ का महसूस होना
  • लगातार खांसी होना
  • त्वचा में बदलाव होना
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
  • लगातार अपच की समस्या और बेचैनी
  • लगातार बुखार व पसीना आना


सबसे ज्यादा कैंसर कौन से होते है?

एक रिसर्च के मुताबिक इसके बाद सबसे ज्यादा प्रोस्टेट कैंसर होते है।  बात पुरुषों की करें तो फेफड़ों और लंग का कैंसर, वहीं महिलाओं में स्तन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक होता है।


कैंसर कितने प्रतिशत ठीक हो सकता है

कैंसर जब प्रायमरी स्टेज में होती है तब उपचार आसान होता है और जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर जब सेकेंडरी स्टेज में होती है तब शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगती है और उपचार करना कठिन हो जाती है। भारत में कैंसर के मामले तीसरे और चौथे स्टेज पता चलता है। तब उपचार और भी जटिल हो जाता है और मृत्यु का खतरा 90-95 प्रतिशत बाद जाता है। अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार पहली स्टेज में कैंसर को लगभग 95 प्रतिशत ठीक किया जा  सकता है जबकि तीसरे और चौथे स्टेज में आने के बाद ठीक होने की सम्बावना मात्र 5 प्रतिशत ही रह जाती है।


कैंसर का निदान

शारीरिक लक्षणों और संकेतों को देखते हुए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री को देखने के बाद शारीरिक परीक्षण करते है। टेस्ट के लिए मल, मूत्र, रक्त का सैंपल लिया जाता है। डॉक्टर को अगर कैंसर की आशंका होती है तब कंप्यूटेड टोमोग्रैफी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और फाइबर-ऑप्टिक एंडोस्कोपी परीक्षणों से आपको गुजरना पड़ सकता है। किसी को कैंसर है या नहीं इसका पता बायोप्सी के जरिए आसानी से चल जाता है। बायोप्सी में जांच के लिए ऊतक के नमूने लिए जाते हैं। यदि बायोप्सी के परिणाम सकारात्मक आते हैं, तो कैंसर के फैलाव को पता लगाने के लिए और भी कई प्रकार के टेस्ट भी किए जाते हैं।


कैंसर का इलाज

डॉक्टर आमतौर पर कैंसर के उपचार में मुख्य रूप से सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट्स शामिल हैं।

सर्जरी 

डॉक्टर सर्जरी के जरिए कैंसर के ऊतकों, ट्यूमर, लिम्फ नोड्स या किसी अन्य कैंसर प्रभावित जगह को हटाते है। सर्जरी इलाज का सबसे अच्छा विकल्प है।

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी को अनेक चरणों में किया जाता है। इस प्रक्रिया में दवाईयों के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। इसके कई साइड एफेक्ट्स भी नजर आते हैं, जैसे बालों का झडऩा।

रेडिएशन थेरेपी

रेडिएशन कैंसर कोशिकाओं पर सीधा असर करता है और उन्हें दोबारा बढऩे से रोकता है। कुछ लोगों को इलाज में सिर्फ रेडिएशन थेरेपी तो किसी-किसी को सर्जरी के साथ रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी भी दी जाती है।

इम्यूनोथेरेपी

इम्यूनोथेरेपी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लडऩे में सक्षम बनाती है।

हार्मोन थेरेपी 

इस थेरेपी का उपयोग उन कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है, जो हार्मोन से प्रभावित होते हैं। हार्मोन थेरेपी से स्तन और प्रोस्टेट कैंसर में काफी हद तक सुधार होता है।


कैंसर से कैसे बचे?

  • अगर आप इस बीमारी से बचाव करना चाहते हो तो तम्बाकू, धूम्रपान, पान-मसाला, सुपारी, गुटका और शराब आदि से दूरी बना लें।
  • जिन फलों में कीटनाशक  या रसायनों का इस्तेमाल किया गया हो उसे धोकर खाए।
  • भोजन में फल, जूस, हरी सब्जी, अनाज, दाल को शामिल करें।
  • जिन खाद्य सामाग्री को अधिक तेल में बनाया गया हो, उसे खाने से बचें ।
  • अपना वजन बढऩे नहीं दें।
  • रेगुलर व्यायाम करें।
  • साफ-सुथरे, प्रदूषण रहित जगह पर रहें।
  • शरीर के किसी भी अंग में गांठ होने पर तत्काल जांच करवाएं।


कैंसर से लडऩे वाले आहार

कैंसर चाहे किसी भी प्रकार का हो, उचित आहार कैंसर से लडऩे में अहम भूमिक निभात है। जैसे कि...

ब्रोकली

ब्रोकली में एंजाइम सल्फोराफेन नामक गुण होता है, जो कैंसर के प्रभावी दोषों को शरीर से बाहर करता है । 

टमाटर

टमाटर में भारी मात्रा में लाइकोपीन गुण छुपा होता है और यही लाइकोपीन गुण एंडोमेटियल कैंसर सेल्स को बढऩे से रोकता है, जिससे कैंसर शरीर में बढ़ नहीं पाता ।

अदरक

अदरक में ऐसे गुण हैं प्रोस्टेट कैंसर, लंग कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, स्किन कैंसर और पेट के कैंसर में मददगार है। 

हल्दी

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन रसायन बेहद गुणकारी होती है। शरीर की बाहरी चोट से लेकर शरीर के भीतर जमी हुई गंदगी को अगर साफ करना हो तो हल्दी के इस्तेमाल किया जा सकता है। 

ग्रीन टी का सेवन

ग्रीन टी का सेवन करने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है। वहीं, नियमित रूप से 2-3 कप ग्रीन टी पीना फायदेमंद होता है।

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