सावधान! सर्दियों में कहीं आपके इन अंगों का रंग बदल तो नहीं रहा, जानिए इस गंभीर रोग के कारण, लक्षण और इलाज

 


धूल-मिटटी, कलर या किसी सफेद पाउडर आदि के संपर्क में आने से आपके हाथेली सफेद नजर आती हैं। कई बार ठंड लगने की वजह से भी हाथों के कलर में बदलाव दिखाई देता है। लेकिन अगर आपके हाथ अक्सर सफेद दिखाई देते है तो आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि ये रेनॉड बीमारी के लक्षण हो सकते है।


क्या हैं रेनॉड सिंड्रोम?

रेनॉड सिंड्रोम एक स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, रोग शरीर के कुछ हिस्सों जैसे कि उंगली, पैर की उंगलियों, नाक और कानों की छोटी रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है। रेनॉड सिंड्रोम में पैर की उंगलियों, हाथों में खून की कमी के कारण पीलापन या नीला होने लगता है। क्योंकि छोटी धमनियां त्वचा को रक्त की आपूर्ति करती हैं लेकिन रेनॉड रोग होने पर रक्त परिसंचरण को सीमित कर देती है। 


ठंड के मौसम में इस बीमारी से ग्रस्त लोगों के हाथों के रंग में बदलाव होने लगता है। वैसे तो इस रोग की रोकथाम संभव है, लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज ना कराया जाए तो घातक हो जाती है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में रेनॉड फेनोमेनन होने का ज्यादा खतरा रहता हैं। 


ज्यादातर लोग इस बीमारी को बड़ी समस्या नहीं मानते है, लेकिन यह हमारे लाइफस्टाल को काफी प्रभावित कर देती है। तो आइए आज जानते है रेनॉड सिंड्रोम के क्या है कारण, लक्षण और इलाज।


रेनॉड सिंड्रोम के प्रकार

फिजिशियन अगस्टे गेब्रियल मौरिस रेनॉड के नाम पर, इस बीमारी की पहली बार 1862 में पहचान की गई थी। रेनॉड फेनोमेनन बीमारी दो प्रकार की होती है, प्राथमिक और माध्यमिक रेनॉड। 


प्राइमरी रेनॉड सिंड्रोम: इसके लक्षण काफी हल्के होते हैं और इसे यह बहुत जल्द ठीक भी हो जाते है।


सेकेंडरी रेनॉड सिंड्रोम: आमतौर पर ल्यूपस या रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी समस्या के कारण यह आपके शरीर के कनेक्टिव ऊतकों पर हमला करता है। यह काफी परेशानी देने वाला होता है। आमतौर पर यह समस्या कम होती है, लेकिन इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावनाएं ज्यादा है। इसमें त्वचा के घाव और अवसाद जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं। माध्यमिक रेनॉड डीसीज में आपकी कोशिकाएं और ऊतक खून की कमी से मरने लग जाती है।


रेनॉड सिंड्रोम के कारण 

रेनॉड का कारण अज्ञात है लेकिन जब किसी को रेनॉड बीमारी होती है, तो उसकी वाहिकाएं सामान्य से अधिक और तेजी से सिकुड़ जाती हैं। हालांकि, कभी-कभी इसके उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह सिंड्रोम कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को निमंत्रण दे सकते है, जैसे गैंग्रीन और त्वचा के घाव। इसके इलाज के लिए कभी-कभी दवा या फिर सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।


रेनॉड सिंड्रोम के लक्षण 

रेनॉड सिंड्रोम उंगलियों और पैर की उंगलियों को ज्यादा प्रभावित दिखाती है। लेकिन, यह शरीर के अन्य अंगों जैसे जैसे कान, नाक, होंठ, निप्पल को भी अपने प्रभाव में ले सकती है। ठंड के कारण धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं और कुछ क्षेत्रों में रक्त की आपूर्ति बाधित हो सकती हैं। ऐसा होने से उस हिस्से का नीला और सफेद होना, सुन्न या दर्द महसूस होना, ठंड, झुनझुनी, रक्त प्रवाह वापस आने पर लाल और जलन होता है। इस सिंड्रोम के गंभीर होने पर त्वचा में अल्सर, ऑक्सीजन की कमी, दर्दनाक घाव या गैंग्रीन हो भी सकता है, जिससे काफी तकलीफ झेलनी पड़ती है।


सिंड्रोम का खतरा बढ़ाने वाले कारण

सर्वे के अनुसार 10 में से एक व्यक्ति इस सिड्रोम से प्रभावित रहता है। लेकिन, अधिकांश लोगों को प्राइमरी रेनॉड ही होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को नौ गुना तेजी से अपने चपेट में लेता है। यह सिंड्रोम 15 वर्ष से लेकर 25 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों को होता है। 35 वर्ष से अधिक आयु के लोग समेत रूमेटाइड अर्थराइटिस, ल्यूपस और स्क्लेरोडर्मा से ग्रस्त लोगों को सेकेंडरी रेनॉड होने की संभावना ज्यादा होती है। जो लोग माइग्रेन, कैंसर या उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें ये सिंड्रोंम होने की संभावना अधिक ज्यादा ही होती है।


रेनॉड फेनोमेनन की जांच कैसे की जाती है?

रेनॉड फेनोमेनन या इस्केमिआ सिंड्रोम हुआ है तो डॉक्टर वह लक्षणों से जुड़े आपके स्कीन, हाथ और पैर की उंगलियों की जांच करेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर नाखूनों को भी चेक करेंगे। 


क्या है इस सिंड्रोम का इलाज?

इस सिंड्रोंम के हमले को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे कि...


  • ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों से अपने आप को ढंक लें
  • ठंड के मौसम में अपने हाथों-पैरों को गर्म कपड़े से ढंके रहे
  • नियमित रूप से व्यायाम करें। जिससे रक्तवाहिनी सुचारू रूप से कार्य करें
  • शराब और कैफीन के उपयोग कम कर दें 
  • अपनी हथेलियों पर बहुत अधिक दबाव ना डाले
  • धूम्रपान, तंबाकू का सेवन बंद कर दें 
  • तनाव से अपने आप को दूर रखें 
  • रेनॉड फेनोमेनन का इलाज करने के लिए डॉक्टर दवाइयां का भी इस्तेमाल कर सकते है।
  • स्थिति गंभीर है तो डॉक्टर सर्जरी करने की सलाह दे सकते है। 
  • रेनॉड फेनोमेनन के इलाज में सर्जरी के साथ ही केमिकल इंजेक्शन भी दिया जा सकता है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.