मॉनसून की शुरुआत के साथ डेंगू का खतरा भी बढ़ जाता है। दरअसल, आमतौर पर डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, यह डेंगू वायरस के कारण होती है। डेंगू एडिज एजिप्टी मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है। डेंगू पीडि़त व्यक्ति को शरीर में सिरदर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों में जकडऩ, शरीर में दर्द होने लगता है। डेंगू होने पर हमारी प्लेटलेट्स (मांसपेशियों में रक्त का बहाव) गिरने लगती है।
डेंगू तीन प्रकार के होते है पहला क्लासिकल डेंगू बुखार, मतलब "हड्डी तोड़" बुखार और दूसरा हेमरेजिक फीवर और तीसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम जो कि जानलेवा होता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के सर्वे के अनुसार डेंगू सैकड़ों देशों के लिए एक कॉमन समस्या है। डेंगू प्रभावित क्षेत्र में लगभग 3 बिलियन लोग रहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार 5 लाख लोगों को हर साल डेंगू से संक्रमण होने के कारण हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ता है।
डेंगू का वायरस मुख्य रूप से चार तरह डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 होते है। डेंगू वाले मच्छर के किसी इंसान को काटने के बाद डेंगू का वायरस इंसान के ब्लड में दो से सात दिनों तक रहता है। चलिए जानते हैं डेंगू के क्या लक्षण होते हैं और इससे निपटने के लिए क्या क्या स्टेप उठाने चाहिए।
तीन प्रकार के होने है डेंगू फीवर
1. क्लासिकल डेंगू बुखार: इस लक्षण में मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं।
2. हेमरेजिक बुखार: लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन समय बीतने के साथ कुछ दिनों में गंभीर बीमार कर देते है।
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम: यह डेंगू का गंभीर रूप है और व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
डेंगू के शुरुआती संकेत व लक्षण
डेंगू के शुरुआती लक्षण एडिज एजिप्टी मच्छर काटे जाने के सप्ताह भर के अंदर नजर आने लगते है। डेंगू हल्का और गंभीर दोनों हो सकता है। आमतौर पर डेंगू बुखार की आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों में प्रायमरी डेंगू होने पर कई बार कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। तो चलिए जानते है डेंगू के शुरुआती लक्षण क्या है?
- अचानक तेज फीवर आना
- पीठ में दर्द होना
- मांसपेशियों, हड्डियों और घूटनों में दर्द होना
- ग्रंथियों में सूजन
- आंखें में दर्द के साथ सिरदर्द का होना
- पेट में बेचैनी होना
- उल्टी, जी मिचलाना
- त्वचा पर लाल धब्बे होना
डेंगू होने का कारण
केवल दिन में काटता है एडीज मच्छर: जब एडीज एजिप्टी मच्छर किसी डेंगू पीडि़त का खून चूसता है तब मच्छर के वायरस शरीर में प्रवेश करता है। ये मच्छर केवल दिन में ही सुबह के २-३ घंटे बाद और शाम होन से २-३ घंटे पहले काटता है। इसी समय आपको मच्छर काटने से बचाव करने की आवश्यकता है।
डेंगू पीडि़त क्षेत्र में रहना: यदि आप गंदगी, या फिर उन क्षेत्रों में रहते हैं, जहां एडीज मच्छरों का अधिक प्रकोप है, तो आपको डेंगू होने की संभावना बढ़ जाती है।
पहले भी डेंगू से संक्रमित का होना: पहले कभी डेंगू से अगर पीडि़त हुए व्यक्ति को इसका वायरल संक्रमण अपने चपेट में ले लेता है। ऐसे में जब आपको दूसरी बार डेंगू होता है, तो डेंगू और अधिक गंभीर हो जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता होना कमजोर होना: जिन व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनको डेंगू होने के चांसेस रहते है। साथ ही, फेफड़ों के रोग मधुमेह, और हृदय रोगी को भी डेंगू होने की आशंका रहती है।
लो प्लेटलेट्स काउंट : डेंगू तब और घातक हो जाता है, जब पीडि़त व्यक्ति के शरीर में रक्त का बहाव कम होने लगता है। ऐसे में यदि प्लेटलेट्स काउंट का स्तर कम है तो जल्दी ही डेंगू संक्रमित हो सकते हैं।
संक्रमित व्यक्ति इन बातों पर ज्यादा ध्यान दें
सबसे पहले तो टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। अगर डेंगू से संक्रमण हो गया है तो रोगी को हल्का भोजन करना चाहिए, डिहाइडे्रसन से बचने के लिए पानी और तरल खाद्य पदार्थों की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए। जितना ज्यादा हो सके आराम करना चाहिए।
डेंगू का इलाज
डेंगू एक वायरस है इसलिए डेंगू संक्रमण के इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। फिर भी डेंगू से संक्रमित होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए ताकि समय रहते रोगी की देखभाल से मदद मिल सके।
डेंगू से बचने के लिए उपाय
- दर्द और बुखार के लिए डॉक्टर की सलाह पर पैरासिटामाल ले सकते है
- घर के आसपास गंदगी वाले जगह जैसे कि सेप्टिक टेंक, मेनहोल, रूकी हुई नाली को चेक करते रहे।
- कूलर का पानी को हफ्ते में २ बार बदलें, साथ ही कैरोसिन तेल की कुछ मात्रा पानी में डाले। क्योंकि डेंगू का लार्वा स्थायी पानी में ही पनपता है।
- व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दें।
- पानी की टंकी को ढ़क कर रखें।
- अपने शरीर को पूरी तरह कपड़ों से कवर करके रखें।
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें
- मच्छर से बचने के लिए लोसन का प्रयोग करें
- पानी की टंकी को ढक कर रखें
डेंगू से बचाव के लिए घरेलू उपाय
नारियल पानी: नारिलय पानी इलेक्ट्रोलाइट्स पाई जाती है जो की हमारी शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है।
पपीते की पत्तियों को उबालकर पी जाए: पपीते के पत्ते में पाचन शक्ति अधिक होती है जो की सूजन और पेट फूलने की समस्या से निजात दिलाती है। साथ ही प्लेटलेट काउंट को भी बढ़ा देती हैं।
इसके अलवा तुलसी की पत्तियों, मेथी की पत्तियों, गिलोय, काली मिर्च, को अलग-अलग उबाल कर भी पिया जा जाता है। इसके साथ ही गाजर के जूस और चुकंदर का जूस पियें।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। 'यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।