अपनी त्वचा के लिए सही सनस्क्रीन का चुनाव कैसे करे... कब, कितना और कैसे अप्लाई करें सनस्क्रीन

 


घर से कहीं बाहर जाते समय क्या आप अपने स्किन पर सनस्क्रीन लगाते हैं? यदि नहीं, तो आपकी स्किन खतरे में पड़ सकती है। आपकी स्किन पर टैनिंग, प्री- मैच्योर एजिंग, सनबर्न और कुछ मामलों में स्किन कैंसर होने का खतरा हो सकता है। आपको इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है, कि सनस्क्रीन पूरी तरह से यूवीबी किरणों को लॉक नहीं कर सकती, लेकिन उन्हें कंट्रोल जरुर कर सकती हैं। इसलिए 30 या फिर उससे ज्यादा एसपीएफ वाली सनस्क्रीन के इस्तेमाल की सलाह सुरक्षित मानी जाती है।


उम्र जिस गति से आगे बढ़ती है चेहरे पर फाइन लाइंस, झुर्रियां और धीरे-धीरे त्वचा का रंग गहरा पड़ना, ये सब त्वचा से जुड़ी आम समस्याएं होती चली जाती है, सनस्क्रीन सूरज के अल्ट्रा वायलेट किरणों से आपकी स्किन की सुरक्षा प्रदान करता है...  इसलिए, यह जरूरी है कि आप अपनी स्किन पर सनस्क्रीन लगाएं। मगर एक सनस्क्रीन हर व्यक्ति के लिए काम करे यह मुमकिन नहीं। ऐसे में आपको सही सनस्क्रीन का चुनाव किस तरह करना है ये सवाल आपके दिमाग जरूर आत हैं। हालांकि, मार्केट में कई तरह के सनस्क्रीन उपलब्ध हैं, लेकिन जरूरी नहीं है वे सब आपकी स्किन को सूट करें। तो आइये जानते हैं सनस्क्रीन से जुड़ी जरूरी पहलू के बारे में।


अपनी त्वचा के प्रकार को पहचाने

सभी व्यक्ति की स्किन अलग-अलग होती है। शरीर के दूसरे अंगों की तरह स्किन का देखरेख करना आवश्यक है और इसके साथ जरूरी है कि आपकी त्वचा किस प्रकार की है आपको जानकारी हो। स्किन टाइप्स वो कैटेगरी होती हैं जिनसे हम यह बता सकते हैं कि हमारी त्वचा कितनी ऑयल, ड्राय या सेंसिटिव है। क्योंकि, हमें खुद की स्कीन के प्रकार का पता होगा तो देखभाल करना भी बेहद बहुत ही सरल हो जाएगा। 


नार्मल स्किन:

इस तरह की स्किन न तो बहुत ज्यादा तैलीय होती है और न ही रूखी। इसमें संतुलित मात्रा में सीबम का उत्पादन होता है और ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है। आप ऑयल-फ्री सनस्क्रीन लगाएं और सोने से पहले मेकअप जरूर उतार दें। सोने से पहले चेहरे को धोकर क्लींजिंग करना न भूलें।


ड्राय स्किन:

त्वचा का रुखा होना एक आम समस्या है जो लगभग सभी को अपने जीवन के किसी न किसी मोड़ पर प्रभावित करता है। त्वचा ड्राय होने पर आप खुद में कुछ लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं जैसे कि त्वचा का फटना, त्वचा का खुरदुरा होना, त्वचा कसा हुआ महसूस करना, त्वचा का फटना, त्वचा में खुजली होना, कुछ मामलों में त्वचा का रंग बदलना।


ऑयली स्किन:

आज के समय में ऑयली स्किन की समस्या हर दूसरे व्यक्ति को होती है। दरअसल, ऑयली स्किन वाले व्यक्ति में स्किन पर हाइपरएक्टिव सेबेसियस गंलैड तेल का बनने लगती है और इससे स्किन पर चिकनाहट (ऑयली) रहती है। इस से हमारी स्किन पर धूल, मिट्टी चिपकती है और पिपंल्स जैसी समस्या होती है। ऐसा तब होता है, जब लोग ज्यादा तेल मसाले वाला भोजन करते हैं।


कॉम्बिनेशन स्किन:

कॉम्बिनेशन स्किन यानी अगर आपकी ड्राई और ऑयली दोनों तरह की स्किन हो। लोगों के लिए ऑयली स्किन का ख्याल रखना आसान होता है या फिर केवल ड्राई स्किन की केयर करना, लेकिन कॉम्बिनेशन स्किन वाले लोगों में काफी कंप्यूजन बना रहता है।


सेंसिटिव स्किन:

स्किन पर प्रोटेक्टिव लेयर होती है, जिसमें नमी रहती है। यह लेयर स्किन को प्रदूषण, धूल-मिट्टी, गंदगी से बचाती है। किसी वजह से जब ये लेयर खराब हो जाती है तो स्किन बैक्टिरिया एक्टिव हो जाती है। ऐसी स्किन को सेंसिटिव स्किन कहते हैं।


सनस्क्रीन क्या है?

सनस्क्रीन में एसपीएफ यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर होता है। यह सूरज की किरणें से आपकी स्किन की सुरक्षा करने में आपके सनस्क्रीन की स्किल को मापता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी स्किन को बर्न होने में अमूमन 10 मिनट लगेंगे, तो एसपीएफ 30 युक्त सनस्क्रीन आपको 5 घंटे (10 को 30 से गुना करेंगे तो 300 मिनट यानी 5 घंटे) तक सूरज की किरणों से सुरक्षित रखेगा। हालांकि, डर्मेटोलॉजिस्ट का मानना है कि हर दो घंटे पर सनस्क्रीन लगाना चाहिए। सूरज की किरणें सुबह के 10 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक बहुत हानिकारक होती हैं। ऐसे में आपकी स्किन सुबह के 8 बजे की तुलना में, दोपहर के 12 बजे ज्यादा जलेगी।


अपनी त्वचा के अनुसार सही सनस्क्रीन का चुनाव

हम सब सनस्क्रीन ले लेते हैं लेकिन यह नहीं जानते कि हमारी स्किन को कौन सी सनस्क्रीन सूट करेगी। इसलिए जरूरी है कि हम सनस्क्रीन खरीदते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें -


आपको किस तरह का सनस्क्रीन लगनी है... चुनाव कैसे करें?

मार्केट में सनस्क्रीन कई तरह के आते हैं जैसे कि स्प्रे, लोशन, क्रीम, जेल, बटर, ऑइल, स्टिक और पेस्ट। हमें उस सनस्क्रीन को चुनाव करना चाहिए, जिसकों हमें लगाने में कम्फर्टेबल महसूस हो। चाहें आप जिस भी सनस्क्रीन का चुनाव करे, उसकी एक मोटी परत को अपनी स्किन पर लगाएं। यदि आपकी स्किन एक्ने वाली है, तो जेल वाली सनस्क्रीन सही रहेगी। यदि आपकी त्वचा ड्राई है, तो सनस्क्रीन वाली सनस्क्रीन सही रहती है। अगर आप नियमित तौर पर मेकअप लगाते हैं, तो ऐसा सनस्क्रीन चुनिये, जो ग्रीजी न हो।


एक्टिव इनग्रेडिएन्ट

सनस्क्रीन में मौजूद एक्टिव इनग्रेडिएन्ट आपको सूरज की यूवीए और यूवीबी किरणों से बचा कर रखते हैं। ऐसे सनस्क्रीन को चुनें, जिसमें सूटेबल और सही इनग्रेडिएन्ट हों।


ब्रॉड स्पेक्ट्रम

अधिकतर सनस्क्रीन सनबर्ग किरणों से आपकी स्किन को प्रोटेक्ट करती है। ये किरणों से प्रीमैच्योर एजिंग और टैनिंग होती है। इसलिए आपको ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लेना लगानी होती है, जो आपको दोनों तरह की किरणों से सुरक्षित रखें।


अपनी स्किन के अनुसार सनस्क्रीन लगाईये 

ऐसा सनस्क्रीन लीजिए, जो आपकी स्किन टाइप के अनुसार हो और आपकी स्किन से जुड़ी समस्याओं के साथ सही तरह से काम करे। ऑइली, ड्राई, कॉम्बिनेशन, सेंसिटिव और एक्ने वाली स्किन के लिए मार्केट में कई प्रकार के सनस्क्रीन मौजूद है। 


एसपीएफ नंबर

सनस्क्रीन लेने से पहले एसपीएफ नंबर पर जरूर ध्यान दें। इससे यह पता चलेगा कि वह कितनी देर तक सूरज से आपकी स्किन की सुरक्षा करेगा। अगर आप लंबे समय के लिए घर से बाहर रहते हैं, तो आपको ज्यादा एसपीएफ वाले सनस्क्रीन को लेना चाहिए, जैसे एसपीएफ 50। अगर आप सिर्फ उतनी देर ही बाहर रहते हैं, जितनी देर घर से ऑफिस जा रहे हैं, तो आपको कम एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लेना चाहिए। डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह रहती है कि आपको कम से कम एसपीएफ 15 वाला सनस्क्रीन लगाना चाहिए।


वॉटर रेसिस्टेंट सनस्क्रीन 

यह तो सबका पता है कि हमारे देश में ह्यूमिडिटी कितनी ज्यादा रहती है। ऐसे में वॉटर रेसिस्टेंट सनस्क्रीन बढ़िया रहता है। अगर आप एक्टिव रहते हैं, आपको बहुत ज्यादा पसीना निकलता है या आप स्विमिंग करते हैं, तो आपको वॉटर रेसिस्टेंट सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। इसे हर 40 से 80 मिनट बाद लगाना चाहिए।


पैच टेस्ट

अपने चेहरे पर सनस्क्रीन को लगाने से पहले पैच टेस्ट करना चाहिए। आपकी स्किन पर एलर्जी है, या फिर कुछ लाल रंग की चकत्ते सा हो गया है तो उस सनस्क्रीन को आगे बिल्कुल भी न लगाएं। अगर सनस्क्रीन एक्स्पायरी डेट हो गई हो तो उसे बिल्कुल भी ना खरीदें।  


निष्कर्ष 

सनस्क्रीन आपकी स्किन केयर के लिए रूटीन का एक अहम हिस्सा होना चाहिए। आपको ऐसे सनस्क्रीन प्रोडक्ट को चुनाव करना चाहिए, जो आपकी स्किन टाइप को सूट करे और आपकी स्कीन को प्रोटेक्ट करे। आप चाहें तो घर पर ही अपनी स्किन को सूट करने वाले सनस्क्रीन को बना सकते हैं। अधिकतम लाभ के लिए आपको फिजिकल और केमिकल सनस्क्रीन के कॉम्बिनेशन को चुनना चाहिए। 

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