बुजुर्गों के लिए ये है सुपर डाइट जो आपको देगी लंबी उम्र

 



बुजुर्गों (सिनियर सिटीजन) की उम्र को लंबा बनाने के लिए हेल्थ के खराब और सही होने का सबसे शुरुआती कारण पाचन तंत्र होता है। अगर आप हेल्दी फूड्स खा रहे हैं, तो पाचन तंत्र उन फूड्स से न्यूट्रिशन निकालकर बॉडी को देता है और बुढ़ापे में होने वाली अधिकतर स्वास्थ्य समस्याओं से दूर किया जा सकता है। वहीं, बुढ़ापे में पाचन तंत्र कमजोर भी हो जाता है। जिस कारण हमें डायजेशन को धीमा बनाने वाले फूड्स से भी दूरी बनाए रखनी चाहिए। तो आइए जानते है कि बुजुर्गों की सेहत को कैसे मेंटेन रख सकते है ताकि बीमारियां कोसो दूर रहे।

60 की उम्र के बाद ये हैं सुपर फ़ूड जो इजी डाइट हो जाती है 

दही


दही में पाचन के लिए फायदेमंद हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं। जो कि बुजुर्गों के प्लेट में हमेशा दही होनी ही चाहिए। दही जो बुढ़ापे में कमजोर हो रही हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है। दही से कैल्शियम मिलता है। यह आपके गट्स हेल्थ के लिए सुपर फूड है। 

अंडा​: Egg


बुढ़ापे में शरीर की ताकत और मसल्स को बनाए रखने के लिए एक निश्चित मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है। जो कि अंडा खाकर प्राप्त की जा सकती है। बुढ़ापे में अंडा खाने से 13 पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।

ब्रॉकली


बुढ़ापे में ब्रॉकली का सेवन शुरु कर देना चाहिए। क्योंकि, ब्रॉकली हाई फाइबर फूड है, जो पाचन को सही रखती है। बल्कि, ब्रॉकली में मौजूद न्यूट्रिशन हार्ट डिजीज, डायबिटीज और आंखों की समस्याओं से बचाव भी देते हैं। ब्रॉकली के अंदर फाइबर, विटामिन ए, विटामिन के, पोटैशियम, विटामिन सी, बायोएक्टिव, एंटीऑक्सीडेंट्स कंपाउंड होते हैं।

पालक


बुढ़ापे में आमतौर पर शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। इसलिए बुजुर्गों को अपने डाइट में पालक होना बेहद ही जरूरी है। पालक में मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन कैल्शियम, फोलेट, प्रोटीन होता है। पालक हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है।

दूध


बुढ़ापे में दूध पीने से विटामिन डी और कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है। उम्र बढऩे के साथ शरीर में कई प्रकार की विटामिन की कमी हो जाती है, आप चाहे तो वह डेयरी मिल्क (गाय या भैंस का दूध) की जगह सोया मिल्क पी सकता है।

सूखा मेवा: Dried fruit




सूखा मेवा और बीज होना चाहिए। बादाम, अखरोट, काजू, सूरजमुखी के बीज आदि खाने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से हमसे कोसो दूर रही है। 

मूंग दाल की खिचड़ी


बुढ़ापे में हरी मूंग दाल की खिचड़ी खाना ना सिर्फ पचने में आसान होती है, बल्कि संतुलित वजन, ब्लड सर्कुलेशन काफी हद तक ठीक रहता है।

वृद्धावस्था में होने वाली आम समस्याएं
तो आइए जानते है उम्र बढऩे के साथ आपकों क्या-क्या दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि 

1. ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है जिससे हड्डी टूटने पर मुश्किल से सही होती है। 

2. मस्कुलर डिजेनरेशन
मस्कुलर डिजेनरेशन जो दिमाग में बनने वाली छवि, पहचानने वाले सेंस पर प्रभाव डालता है। 

3. मेटाबोलिक सिंड्रोम वृद्धावस्था में मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण होती हैं। इस उम्र में कैंसर, कार्डियोवस्कुलर डिसीज के साथ हाई ब्लड़प्रेशर भी हो सकता है। 

4. कम सुनाई देना
बुजुर्ग लोगों को उम्र बढऩे के साथ ही कम सुनाई देने लगता है। इसके लिए लोगों को सुनने वाली डिवाइस आराम दिलाती है।
 
5. ग्लूकोमा
ग्लूकोमा, आंखों में होने वाला रोग है। इस बीमारी से ऑप्टिक नर्व सिस्टम खराब होने का खतरा रहता है। 

6. ऑर्थराइटिस
यह बीमारी जोड़ों में होती है जो कि शरीर की उंगलियों, हिप्स, घुटनों, कलाईयों और रीढ़ की हड्डी पर असर करती है।
 
7. भावनात्मक तकलीफ
जैसे-जैसे उम्र आगे बढ़ती है उसी प्रकार हेल्थ प्रॉब्लम से रिलेटेड इमोशनल प्रॉब्लम भी शुरु हो जाती है। इस अवस्था में बुजुर्ग व्यक्ति कुछ ज्यादा ही भावनात्मक तकलीफ से गुजरता है। कई-कई दफा तो घर वालों के लिए मुश्किलें खड़ी कर देता है।

9. कॉगनेटिव इम्पेयरमेंट
उम्र बढऩे के साथ बुजुर्ग व्यक्ति दूसरों के और बात को समझने में ज्यादा वक्त लगता है। इससे परेशान व्यक्ति हमेशा कन्फ्यूज रहता है। 

9. अल्जाइमर रोग
इस बीमारी में लोगों की याद करने की क्षमता बहुत कम हो जाती है। इसे मेमोरी लॉस होने के चांसेस बढ़ जाती है। 

कुछ ऐसे टिप्स जो आपके खुशियों को चारचांद लगा देंगे
  • मानसिक रुप से स्वस्थ रहे।
  • सेहत पर विशेष ध्यान देते रहे।
  • अपने हॉबीज पर विशेष ध्यान दे।
  • उदासी और डिप्रेशन से बचने की कोशिश करे।







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